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Haryana Breaking News : कांग्रेस की हार के बाद तलब करने पर हुड्डा, उदयभान व बावरिया दिल्ली पहुंचे

सत्य खबर, चंडीगढ़।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्‌डा को दिल्ली तलब कर लिया है। हुड्‌डा के अलावा प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और टिकट बंटवारे में अहम भूमिका निभाने वाले दीपक बाबरिया को भी बुलाया गया है।

यह मीटिंग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई में उनके आवास पर हो रही है। जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए हैं। इन नेताओं के अलावा संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के तीनों ऑब्जर्वर अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा भी मीटिंग में हैं।
हालांकि इस मीटिंग में दिलचस्प बात है कि सिरसा सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को नहीं बुलाया गया है। लालू यादव के समधी और कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव को भी मीटिंग में शामिल होने का कोई मैसेज नहीं मिला है।

मीटिंग ऐसे टाइम पर बुलाई गई है, जब सैलजा समर्थक हार के लिए सीधे तौर पर भूपेंद्र हुड्‌डा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अंसध से हारे पूर्व MLA शमशेर गोगी ने कहा कि ये कांग्रेस नहीं बल्कि हुड्‌डा कांग्रेस की हार है। वहीं अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा कि B-D गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्‌डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया।

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा केंद्र बिंदु में रहे। पार्टी ने प्रचार के दौरान हुड्‌डा को मुख्य चेहरा बनाया। चुनाव में कांग्रेस की सभी छोटी-बड़ी रैलियों में वह शामिल हुए। जहां-जहां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी रैलियां नहीं कर पाए, वहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस ने सैलजा-सुरजेवाला के दावों और बातों को दरकिनार कर हुड्‌डा को फ्री हैंड दिया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के पास विधानसभा चुनाव का पूरा प्रबंधन रहा। दिल्ली और स्थानीय नेताओं के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी थी। दिल्ली के बड़े नेताओं के साथ ही स्थानीय नेताओं की रैलियों के प्रबंधन का काम भी उदयभान ने संभाला। उदयभान हुड्‌डा के काफी करीबी माने जाते हैं। चुनाव के वक्त उन्होंने नौकरी बांटने वाला भी बयान दिया। वह खुद भी होडल सीट से चुनाव हारे

हरियाणा के प्रभारी होने के नाते चुनाव से पहले टिकट वितरण के काम का पूरा जिम्मा दीपक बाबरिया ने संभाला। स्थानीय नेताओं के इनपुट के आधार पर ही बाबरिया ने अपनी रिपोर्ट स्क्रीनिंग कमेटी तक पहुंचाई थी। जब सब टिकट फाइनल हो गए तो अचानक उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई, इसके बाद वह करीब एक सप्ताह तक अस्पताल में भी भर्ती रहे थे।

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